राजस्थान में बागियों की मनुहार:धरियावद में भाजपा-कांग्रेस से टिकट मांग रहे दो-दो नेताओं ने निर्दलीय पर्चा भरा, वल्लभनगर में दीपेंद्र को उतार पर्चा वापस ले सकते हैं भींडर
राजस्थान में उपचुनाव की दोनों सीटों (धरियावद व वल्लभनगर) पर नामांकन के बाद अब दोनों पार्टियों में नाराज उम्मीदवारों को मनाने का दौर चलेगा। शनिवार को नामांकन के अंतिम दिन भाजपा और कांग्रेस ने जिन्हें टिकट दिए उन्होंने अपने नामांकन दाखिल कर दिए। मगर उनके साथ-साथ उन उम्मीदवारों ने भी नामांकन दाखिल कर दिए, जिनके टिकट उनकी पार्टी ने काट दिए। ऐसे में अब दोनों सीटों पर भाजपा-कांग्रेस बागी तेवर अपना चुके नेताओं को मनाकर अपने लिए स्थितियां बेहतर करने की कोशिश करेंगी। बता दें कि नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख 13 अक्टूबर है।
वल्लभनगर में कांग्रेस से किसी भी उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल नहीं किया। बीजेपी से उम्मीदवारी जता रहे उदयलाल डांगी बागी होकर आरएलपी में चले गए। इनके नामांकन वापस लेने की संभावना बेहद कम हैं। दूसरी ओर, जनता सेना से रणधीर सिंह भींडर और उनकी पत्नी दीपेंद्र कुंवर दोनों ने नामांकन भरा है। बीजेपी से टिकट की उम्मीद के चलते ऐसा किया गया था। मगर अब स्थितियां साफ होने के बाद दोनों में से कोई एक अपना नामांकन वापस लेगा। उम्मीद की जा रही है कि कांग्रेस की प्रीति शक्तावत को टक्कर देने के लिए भींडर अपना नाम वापस ले सकते हैं।
कन्हैया नाम वापस नहीं लेते हैं तो बीजेपी को नुकसान
धरियावद में बीजेपी से टिकट के प्रबल दावेदार पूर्व विधायक गौतमलाल मीणा के पुत्र कन्हैयालाल मीणा ने 7 अक्टूबर को नामांकन भरा है। 8 अक्टूबर को टिकट तय होने के बाद निर्दलीय नामांकन भर दिया। यहां से बीजेपी के ही एक और उम्मीदवार कुलदीप मीणा ने भी नामांकन भरा है। हालांकि कुलदीप मीणा बीजेपी से टिकट हासिल करने वाले खेतसिंह मीणा के साथ हैं। मगर कन्हैया का नामांकन वापस लेना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती होगी। कन्हैया अगर निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं, तो इसका नुकसान बीजेपी को हो सकता है