Rajasthan

रणथम्भौर से 10 साल में 29 टाइगर गायब टी-86 बाघिन की मौत के बाद जागा वन विभाग

रणथंभौर टाइगर रिजर्व में पिछले 10 साल में 29 बाघ, बाघिन और शावक गायब हुए हैं। इन गायब हुए बाघों को खोजने की दिशा में वन विभाग ने काम तेज कर दिया है। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है, जो गायब हुए बाघों के रिकॉर्ड की जांच करेगी। साथ ही जल्द ही फील्ड में जाकर हालातों का जायजा लेगी। रणथंभौर टाइगर रिजर्व में रविवार को बाघ टी-86 की मौत के बाद चारों तरफ हो हल्ला मच रहा है। इसी बीच चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन (CWLW) पवन कुमार उपाध्याय ने रणथंभौर से गायब बाघों की जांच को लेकर एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है।आदेशानुसार जांच कमेटी का गठन 4 नवंबर को कमेटी का गठन किया गया है। जिसमें राजेश कुमार गुप्ता APCCF (अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अध्यक्ष, CF टी. मोहनराज और मानस सिंह DFO को सदस्य नियुक्त किया है। यह कमेटी बाघों के लापता होने के बाद CCF रणथंभौर की ओर से बाघों को खोजने के लिए किए गए प्रयासों की जांच करेगी।

2023 में 8 बाघ, बाघिन और शावकों की मौत

साल 2023 के पहले ही महीने में 1 बाघ, 1 बाघिन और 1 शावक की मौत हुई। 10 जनवरी को बाघ T-57 की, 31 जनवरी को बाघिन T-114 और उसके शावक की मौत हो गई। इसके अगले महीने में ही 9 फरवरी को बाघिन T-19 कृष्णा की मौत हो गई। मई 2023 में फिर एक टाइगर ने दुनिया छोड़ दी। 10 मई को बाघ T-104 को ट्रैंकुलाइज करते समय ओवरडोज देने से उदयपुर में उसकी मौत हो गई। सितंबर में फिर बाघिन T-79 के दो शावकों की मौत हो गई और बाघिन का पता लगाने में वन विभाग विफल रहा। 11 दिसंबर को बाघिन T-69 के शावक की मौत हो गई। इस तरह साल 2023 में रणथंभौर टाइगर रिजर्व में कुल 8 बाघ-बाघिन और शावकों ने दम तोड़ दिया।

2024 में अब तक 5 बाघ, बाघिन और शावकों की मौत इसके बाद जनवरी 2024 में 1 बाघिन और 2 शावकों की मौत हो गई। साल 2024 के जनवरी माह में बाघिन टी-99 प्री मेच्योर डिलीवरी के चलते गर्भपात का शिकार हुई। वहीं बाघिन टी-60 व उसके शावक की प्रसव पीड़ा के दौरान मौत हो गई। इसके बाद 7 जुलाई 2024 को बाघ टी-58 और 3 नवंबर 2024 बाघ टी-86 की मौत हो गई।

2 साल में 25 बाघ, बाघिन और शावक गायब रणथम्भौर में पिछले एक साल से ज्यादा समय में RBT-3, RBT-13,RBT-38, RBT-48,RBT-54,RBT-63,RBT-74, RBT-79, RBT-128, RBT-131,RBT-138 गायब हुई है। वहीं एक साल में RBT-41,RBT-66,RBT-93,RBT-94,RBT-99,RBT-121,RBT-121,RBT-122, RBT- 137, RBT-139 ,RBT-2401, RBT-2405, RBT-2407 गायब हुई है। जिसे लेकर चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन पीके उपाध्याय ने सीसीएफ से पत्र लिखकर की बार संपर्क किया। जिसके बाद कमेटी का गठन किया गया।

रणथंभौर से गायब बाघ बाघिन और शावकों में से बाघिन टी-39 नूर के 2 शावक, बाघिन-138, बाघ टी-3, बाघिन टी-99 के 2 शावक, टी-79 का 1 शावक, युवा बाघ टी-131, बाघ टी-38, बाघ टी-74 टेडी बीयर भी लापता थे। जिन्हें लेकर दैनिक भास्कर एप की ओर से प्रमुखता से खबरे प्रकाशित की गई थी। जिसके बाद जांच कमेटी का गठन किया गया है।

गायब बाघों को खोजने में वन विभाग नाकाम

रणथंभौर नेचर गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष और वन्यजीव विशेषज्ञ यादवेंद्र सिंह का कहना है कि रणथंभौर में जिस तरह से बाघों की संख्या बढ़ रही है उसके अनुसार बाघों को टेरेटरी के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पा रही है। जिससे बाघों में आपसी संघर्ष बढ़ रहा है और कमजोर बाघ रणथंभौर से बाहर निकल रहे हैं। वहीं कई मर्तबा ताकतवर बाघ से संघर्ष होने पर कमजोर बाघ की मौत भी हो जाती है। विभागीय अधिकारियों की कमजोर मॉनिटरिंग के चलते कई बार मृतक बाघों का पता नहीं चल पाता और विभाग उस बाघ को मिसिंग मान लेता है।

पथिक लोक सेवा समिति के सचिव व वन्यजीव प्रेमी मुकेश सीट का कहना है कि रणथंभौर से लापता बाघों को लेकर बनाई गई उच्च स्तरीय जांच कमेटी 2 माह में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। देखने वाली बात यह होगी कि उच्च स्तरीय जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट में क्या देती है और रणथंभौर के किस किस अधिकारी पर गाज गिरती है या महज जांच के नाम पर लीपापोती ही की

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