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राजस्थान में कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ा:2018 में सिर्फ 1.56% ज्यादा था कांग्रेस का वोट, ढाई साल में 7 सीटों पर हुए उप चुनावों में 17.95% हुआ

उप चुनाव में कांग्रेस को मिली जबरदस्त जीत ने प्रदेश में बीजेपी के कान खड़े कर दिए हैं। सिर्फ हार ही नहीं 2018 के बाद हुए उपचुनावों में बीजेपी का वोट प्रतिशत बुरी तरह से गिरा है। 2018 विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में 7 सीटों पर उपचुनाव हुए। इनमें से 5 कांग्रेस ने जीते हैं, जबकि 1 बीजेपी और 1 आरएलपी के खाते में गई। कांग्रेस ने सीटें तो जीती ही, मगर कांग्रेस और बीजेपी के वोट बैंक में जमीन-आसमान का अंतर देखने को मिला है। कांग्रेस ने जहां चुनाव जीता, बड़े मार्जिन से जीती। जबकि 1-1 सीट जीतने वाली बीजेपी और बीटीपी को बमुश्किल जीत मिली। यही वजह है कि 2018 विधानसभा चुनाव के बाद जहां दोनों पार्टियों के बीज 1.56 प्रतिशत का ही अंतर था। वहीं उप चुनावों में दोनों पार्टियों के बीच वोट प्रतिशत का अंतर 17.95 प्रतिशत का हो गया। जो यह बताता है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार को भारी समर्थन मिल रहा है।

2018 में नहीं था बहुत बड़ा अंतर

2018 विधानसभा चुनाव में सरकार बनाने वाली कांग्रेस को 40.64 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं बीजेपी को 39.08 प्रतिशत वोट मिले थे। ऐसे में दोनों के वोट प्रतिशत में ज्यादा अंतर नहीं था। तब कांग्रेस की सरकार भी बिलकुल मुहाने पर आकर बनी थी। माना जा रहा था कि कांग्रेस ने सरकार तो बना ली, मगर जनता का बहुत बड़ा समर्थन उन्हें नहीं मिला है। मगर पिछले लगभग तीन साल में कांग्रेस को जिस प्रचंड बहुमत से जीत मिली। वो प्रदेश में कांग्रेस सरकार की पकड़ को दर्शा रही है। 2018 चुनाव से पहले हुए उपचुनावों में कांग्रेस ने अजमेर, अलवर लोकसभा सीट और मांडलगढ़ विधानसभा सीट जीती थी। वहीं उसके बाद मांडवा, सुजानगढ़, सहाड़ा, वल्लभनगर और धरियावद सीटों पर जीत दर्ज की।

कांग्रेस की बड़ी विजयों से बढ़ा वोट प्रतिशत

कांग्रेस ने उपचुनावों में बड़ी जीत हासिल की। सबसे पहले मांडवा में 33733 वोटों से बड़ी जीत दर्ज की। इसके बाद सुजानगढ़ में 35519 वोटों से बड़ी जीत दर्ज की। इसी तरह सहाड़ा में 42107, वल्लभनगर में 20606 और धरियावद में 18725 वोटों से बड़ी जीत दर्ज की। जबकि बीजेपी सिर्फ राजसमंद में जीती, जहां वह सिर्फ 5319 वोटों से जीत दर्ज कर सकी। इसी तरह खींवसर में आरएलपी को जीत मिली, मगर वह सिर्फ 4598 वोटों की थी।

सिम्पैथी फैक्टर के भी अलग-अलग ट्रैंड

सिम्पैथी फैक्टर को कैश करने में भी बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस काफी आगे रही। सिम्पैथी फैक्टर के सहारे जहां कांग्रेस ने सहाड़ा, सुजानगढ़, मांडवा और वल्लभनगर में बड़ी जीत दर्ज की। वहीं बीजेपी सिम्पैथी फैक्टर के बावजूद धरियावद में चुनाव हारी, वहीं राजसमंद में सिम्पैथी फैक्टर के बावजूद बीजेपी बड़ी जीत हासिल नहीं कर सकी।

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