जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के पांच बड़े जवाबी कदम पाकिस्तान के खिलाफ
24 अप्रैल 2025 जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पांच बड़े जवाबी कदम पाकिस्तान के खिलाफ उठाए हैं, जो आर्थिक, कूटनीतिक और रणनीतिक मोर्चे पर पड़ोसी देश को करारी चोट पहुंचाने वाले साबित हो सकते हैं
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने वीजा से लेकर पानी तक रोकने का ऐलान कर पाकिस्तान पर करारा प्रहार किया है. उसके पांच बड़े कदमों से पड़ोसी मुल्क में हड़कंप मच गया है. पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुधवार शाम को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट बैठक के दौरान पांच बड़े फैसले लिए गए, जो आर्थिक-कूटनीतिक मोर्चे पर पाकिस्तान को गहरी चोट पहुंचा सकते हैं. दरअसल, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में मंगलवार को आतंकी हमले में 28 लोगों की हत्या की गई थी. इसके बाद देश में गम और गुस्से का गुबार है.
मोदी सरकार ने 65 साल पुराने सिंधु जल संधि समझौते को रोकने, वाघा-अटारी बॉर्डर को बंद करने, पाकिस्तानी उच्चायोग के शीर्ष अधिकारियों को देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है. पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा न देने का भी फैसला लिया गया और ऐसे वीजा पर अभी भारत में रह रहे पाकिस्तानियों को 48 घंटे में देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है. नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात सैन्य सलाहकारों को सात दिन में भारत छोड़ने का हुक्म भी दिया गया है. मोदी सरकार ने इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से शीर्ष अधिकारियों को भी बुला लिया है.
सिंधु जल संधि पर रोक
सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच पानी के बंटवारे को लेकर 19 सितंबर 1960 के समझौते के तौर पर जाना जाता है. इसके तहत छह नदियों के पानी का बंटवारा किया गया है. 65 साल पुराने करार के तहत, रावी, ब्यास और सतलुज के पानी के भरपूर इस्तेमाल का अधिकार भारत को दिया गया. सिंधु, झेलम और चिनाब के पानी के इस्तेमाल का हक पाकिस्तान को मिला. दोनों देशों के बेहद अहम यह संधि है. भारत से होकर गुजरने वाली इन नदियों के पानी के इस्तेमाल को रोककर पाकिस्तान को घुटनों के बल लाया जा सकता है. पाकिस्तान खासकर उसके पंजाब प्रांत में कृषि सिंधु, चिनाब और झेलम पर ही टिकी है. साथ ही बिजली उत्पादन के लिए भी पाकिस्तान इन नदियों का पानी का इस्तेमाल करता है. भारत की जरा सी सख्ती पहले से डूबने की कगार पर पहुंचे पाकिस्तान के ताबूत में आखिरी कील साबित होगी.
अटारी पोस्ट बंद करने का असर
दोनों देशों के बीच सीमा पर बेरोकटोक व्यापारिक गतिविधियां तो पहले से बंद हैं. लेकिन पाकिस्तान को कई महत्वपूर्ण सामान अभी भी वाघा बॉर्डर अटारी चेकपोस्ट से होता है. इसको बंद करने से पाकिस्तान को बड़ी आर्थिक चोट पहुंचेगी. आटा-दाल और चीनी के लिए तरस रहे पाकिस्तान पर यह गहरी चोट होगी. पाकिस्तान में आटा-दाल, चीनी और अन्य आवश्यक खाद्य वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं. वहीं भारत से जरूरी सामानों की आपूर्ति उसके लिए मरहम का काम करती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
वीजा सेवा पर रोक
भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा पर भी रोक दिया है. ऐसा कर मोदी सरकार ने बड़ा कूटनीतिक संदेश पाकिस्तान और उसके हमदर्द देशों को दिया है. भारत ने साफ कर दिया है कि जब तक आतंकवाद बंद नहीं होता, तब तक पाकिस्तान से रिश्ते सामान्य नहीं होंगे. भारत पर हमला और पाकिस्तान के नागरिकों को सुविधा का खेल अब नहीं चलेगा. पाकिस्तानी नागरिक सार्क वीजा का भी लाभ उठाते रहे हैं, जिसके तहत वो सार्क गुट के तहत आने वाले देशों में आराम से आवाजाही कर सकते हैं.
उच्चायोग के अफसरों की संख्या में कटौती
भारत ने नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के सैन्य सलाहकारों को एक हफ्ते में देश छोड़ने को कहा है. पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात ऐसे अफसरों की भूमिका पहले भी संदिग्ध रही है. उच्चायोग के कई अफसर पहले जासूसी और कई अन्य तरह की भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं. पाकिस्तानी उच्चायोग में स्टॉफ घटने से ऐसे संदिग्धों की वापसी होगी.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 लोगों की जान गई, सरकार ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाने का फैसला किया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बैठक की अध्यक्षता कर सकते हैं, जबकि गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर राजनीतिक दलों को जानकारी देंगे.