5 बार के मुख्यमंत्री देने वाले उदयपुर से मंत्री नहीं:राजस्थान के इतिहास में पहली बार उदयपुर से कोई मंत्री नहीं, बीजेपी हो या कांग्रेस हर बार मंत्रिमंडल में मिलती थी जगह
प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद उदयपुर को बड़ा झटका लगा है। मंत्रिमंडल विस्तार में उदयपुर से इस बार कोई मंत्री नहीं बना। उदयपुर से खेरवाड़ा विधायक दयाराम परमार मंत्री बनने के दावेदार थे। मगर ऐसा नहीं हुआ। पहले फेज में भी उदयपुर से मंत्री नहीं बनाया गया था। वहीं, अब दूसरी बार भी मंत्री नहीं बनने से यह तय हो गया कि उदयपुर जिले से इस सरकार में मंत्री नहीं बनेगा। इसी के साथ राजस्थान की राजनीति के इतिहास में यह पहली बार होगा जब पूरे 5 साल सरकार के मंत्री के रूप में उदयपुर जिले से कोई प्रतिनिधित्व नहीं हो।
उदयपुर वो जगह है जहां से राजस्थान में सबसे ज्यादा 4 बार मुख्यमंत्री बनने वाले मोहनलाल सुखाड़िया रहे। वहीं, हीरालाल देवपुरा भी प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। चाहे सरकार कांग्रेस की हो या बीजेपी की। उदयपुर जिले से हमेशा कोई न कोई मंत्री बना ही है। मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, गृहमंत्री, केबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री सहित तमाम पद पर उदयपुर के नेता रहे हैं। मगर इस बार यह पहली बार होगा जब उदयपुर से कोई मंत्री नहीं बनेगा।
उदयपुर जिले में 8 विधानसभा सीटें हैं। 2018 में इनमें से दो सीटें वल्लभनगर और खेरवाड़ा पर कांग्रेस जीती थी। मगर मंत्रिमंडल गठन में उदयपुर को जगह नहीं दी गई। इससे पहले 2013 बीजेपी की सरकार में उदयपुर विधानसभा से गुलाबचंद कटारिया गृहमंत्री रहे थे। इससे पहले 2008 की कांग्रेस सरकार में गोगुंदा विधायक मांगीलाल गरासिया, खेरवाड़ा विधायक दयाराम परमार और वल्लभनगर विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत को राज्यमंत्री बनाया गया था।
इससे पहले 2003 की वसुंधरा सरकार में भी गुलाबचंद कटारिया कैबिनेट मंत्री रहे। वहीं 1998 की गहलोत सरकार में गुलाबसिंह शक्तावत, दयाराम परमार और रघुवीर मीणा मंत्री रहे थे। 1993 में भैरोंसिंह शेखावत की बीजेपी सरकार में शांतिलाल चपलोत विधानसभा अध्यक्ष, गुलाबचंद कटारिया कैबिनेट मंत्री रहे थे।
14 साल मुख्यमंत्री रहे थे मोहनलाल सुखाड़िया
1957 से 1971 तक 14 साल उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया मुख्यमंत्री रहे थे। इस दौरान उन्होंने 4 बार मुख्यमंत्री की शपथ ली। वहीं 1985 में कुछ दिनों के लिए हीरालाल देवपुरा भी मुख्यमंत्री बने। मुख्यमंत्री बनने से पहले मोहनलाल सुखाड़िया मंत्री भी रहे। राजस्थान में चुनावी इतिहास शुरू होने से लेकर पिछली सरकार तक कोई न कोई मंत्री उदयपुर से रहा है। मगर इस बार ऐसा पहली बार हुआ है। जब उदयपुर से कोई भी नेता सरकार के मंत्रिमंडल में जगह नहीं बना पाया।