QR कोड कोड के जरिए फ्रॉड, पर्सनल जानकारी लीक होने का डर, बैंक अकांउट खाली होने का डर

QR कोड स्कैम
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में साइबर ठगों ने एक दिव्यांग को QR कोड के जरिए हजारों का चूना लगा दिया। दरअसल दिव्यांग ने अपनी ट्राईसिकल बेचने के लिए OLX पर एड डाला था। साइबर क्रिमिनल ने फोन पर सौदा तय कर एडवांस देने के लिए QR कोड मांगा और दिव्यांग के खाते से 32 हजार रुपए निकाल लिए।
इंटरनेट ने हमारी जिंदगी आसान बना दी है। ऑनलाइन खरीदारी से लेकर डिजिटल पेमेंट्स तक तेजी के साथ हो जाता है। बाजार में कुछ भी खरीदने जाओ, पेमेंट के लिए कैश या कार्ड से ज्यादा QR कोड का इस्तेमाल होता है। लेकिन जैसाकि होता है कि हर आसानी के साथ कुछ मुश्किलें भी आती हैं तो डिजिटल सुविधाओं के साथ डिजिटल ठगी का बाजार भी उतनी ही तेजी के साथ बढ़ा है।
QR कोड का फुल फॉर्म ‘क्विक रिस्पॉन्स’ होता है। यानी इसका काम ही है जल्दी रिस्पॉन्स करना। लेकिन यह जल्दी कई बार घातक भी हो सकती है। थोड़ी सी लापरवाही से आप भी QR कोड स्कैम का शिकार हुए लोगों की कतार में हो सकते हैं। QR के साथ एक समस्या यह है कि लोगों को स्कैन करने से पहले तक यह पता नहीं होता है कि मोबाइल में क्या ओपन होने वाला है। इसी का फायदा उठाकर साइबर ठग कुछ फर्जी वेबसाइट्स या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए आपको QR कोड भेजते हैं। जब आप उस कोड को स्कैन करते हैं तो कोई लिंक ब्राउजर पर ओपन हो सकता है। इसके बाद तुरंत आपके बैंक अकाउंट से पैसे कट सकते हैं।
इसके अलावा कई बार फेक QR कोड को रियल QR कोड में इनबिल्ट कर दिया जाता है। जब कोई इस तरह के QR कोड को स्कैन करता है तो उसे किसी अन्य साइट पर ट्रांसफर कर दिया जाता है। इसके बाद आपकी जानकारी को आसानी से हैक किया जा सकता है। यही QR कोड स्कैम की वजह बनता है।
साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा बताते हैं कि ज्यादातर साइबर ठग रीसेल ऐप्स (OLX,Quikr ) पर आपके प्रोडक्ट डालने के बाद कॉल करते हैं, खरीदने की इच्छा जताकर एडवांस पेमेंट का झांसा देकर QR कोड भेजते हैं। ज्यादातर लोग बिना सोचे-समझे QR कोड ओपन कर लेते हैं और इस तरह उनके पैसे, पर्सनल इंफॉर्मेशन ठगों तक पहुंच जाती है।