राजस्थान के सबसे ठंडे इलाकों से ग्राउंड रिपोर्ट:माउंट आबू के गुरु शिखर पर सर्द हवाओं की सनसनाहट, धुंध; फतेहपुर में पाइप में जमती है बर्फ, फसलें तबाह

राजस्थान में इस बार सर्दी ने कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिए। फतेहपुर में तो तापमान -5.2 डिग्री तक पहुंच गया। दो दशक में पहली बार इतनी कड़ाके की सर्दी का सामना करना पड़ रहा है। रिकॉर्ड तोड़ सर्दी किस तरह लोगों को बेहाल कर रही है। ये जानने के लिए हम पहुंचे राजस्थान के सबसे ठंडे इलाकों में शुमार फतेहपुर, माउंट आबू और जैसलमेर। इस स्पेशल रिपोर्ट में पढ़िए- कैसी होती है राज्य के सबसे ठंडे इलाकों की सुबह और हाड कंपाने वाली सर्दी के बीच कैसे गुजरता है लोगों का दिन…
माउंट आबू : टूरिस्ट से गुलजार रहने वाला राजस्थान का सबसे ऊंचा शिखर वीरान, ठंड इतनी कि किसी हिम्मत नहीं जाने की
सर्दी की हद जानने के लिए हम सबसे सुबह के समय राजस्थान की सबसे ऊंची चोटी गुरु शिखर पर पहुंचे। आमतौर पर टूरिस्ट से गुलजार रहने वाला यह शिखर वीरान नजर आया। शांत शिखर पर सिर्फ सर्द हवाओं की सनसनाहट थी। ईनर, स्वेटर और जैकेट पहने होने के बावजूद 1700 मीटर की ऊंचाई पर धुंध के बीच बर्फीली हवाएं कंपकंपी छुड़ा रही थीं। वहां मिले स्थानीय निवासी रामस्वरूप से पूछा तो बोले- सर्दियों में सुबह के समय गुरु शिखर पर कोई नहीं आता। दोपहर बाद पर्यटकों की कुछ रौनक होगी। इसके बाद नक्की झील पहुंचे तो ज्यादातर टूरिस्ट जैकेट, ग्लव्ज और मंकी कैंप से पूरी तरह ढके हुए नजर आए। हमारी मुलाकात सबसे पहले मुंबई से आए सैलानियों से हुई। ऐसी ठंड में घूमने आने के बारे में पूछा तो बोले- सर्दी का भी अपना ही मजा है। मुंबई में तो सर्दी पड़ती नहीं है। ऐसे में यहां आए हैं। यहां तो सुबह-सुबह ऐसा नजारा होता है, मानो रात को बर्फ पड़ी हो। चाय की चुस्कियों के बीच बर्फीली सर्दी में दिनभर घूमेंगे।
फतेहपुर : सर्दी ने जला दी टमाटर-शकरकंदी की फसल
फतेहपुर पहुंचे तो एक खेत में रोशनी थी। पास जाकर देखा तो अलाव जल रहा था। दो किसान वहां पाइप लाइन बदल रहे थे। बोले- दिसंबर और जनवरी का महीना संकट वाला हाेता है। पाइप लाइन में बर्फ जम जाती है। आते ही सबसे पहले पाइप में प्रेशर से ताजा पानी डालकर बर्फ निकालनी पड़ती है। इसके बाद आगे का काम शुरू होता है। मन तो किसी का भी नहीं करता, लेकिन क्या करें, रोटी जुटाने के लिए काम करना भी जरूरी है। किसान सांवरमल ने बताया कि फतेहपुर में इन दिनों में तो पूरी फसल चौपट हो जाती है। कई फसलें जाड़े के कारण जल चुकी हैं। रात को फसलों को सफेद प्लास्टिक से कवर कर रहे हैं, ताकि कुछ नुकसान तो कम हो। कृषि वैज्ञानिक कैलाश चंद वर्मा ने बताया कि माइनस में आए पारे के कारण टमाटर, शकरकंदी जैसी सब्जियों की फसलों को ज्यादा नुकसान हुआ है। बचाव के लिए 0.1 गंधक स्प्रे का छिड़काव करें।
जैसलमेर : फुटपाथ पर 1 कंबल के सहारे सर्दी से मुकाबला
अलसुबह सर्दी का असर देखने के लिए हम सबसे पहले गड़िसर लेक पहुंचे। यहां जो तस्वीर नजर आई वो विचलित करने वाली थी। कंपकंपी छुड़ा देने वाली सर्दी के बीच कुछ जरूरतमंद लोग एक कंबल के सहारे फुटपाथ पर ही सो रहे थे। बोले- सर्दी, गर्मी, बरसात हर मौसम में ये फुटपाथ ही हमारा ठिकाना है। ज्यादा सर्दी लगती है तो कचरा-लकड़ी जुटाकर अलावा ताप लेते हैं और वैसे भी अब तो आदत पड़ गई है। इसके बाद हम जैसलमेर की सड़कों पर निकले तो इक्का-दुक्का लोग ही नजर आए। उनमें भी ज्यादातर नियमित रूप से मार्निंग वॉक के लिए आने वाले थे। उन्होंने भी सर्दी से बचने के लिए पर्याप्त इंतजाम कर रखे थे। हनुमान चौराहे पर चाय की थड़ियों पर सबसे ज्यादा लोगों की तादाद थी। वहीं पर हमें मध्यप्रदेश से आए सैलानी मिले। कहा-हम तो खास सर्दियों में जैसलमेर घूमने आए हैं। सुना है- सर्दियों में जैसलमेर और खूबसूरत हो जाता है।