आदर्श सोसायटी के पीड़ितों के दर्द की कहानियां:ऑफिसों के चक्कर काटते-काटते पति की मौत, पत्नी पर आई 7 बच्चों को पालने की जिम्मेदारी
देश के सबसे बड़े आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी स्कैम के मास्टरमाइंड मुकेश मोदी ने राजस्थान से लेकर देश भर में निवेशकों से हजारों करोड़ रुपए लूटे थे। रुपए डबल करने का झांसा देकर भोले-भाले लोगों को जाल में फंसाया। 1999 से सिरोही से शुरू हुई सोसायटी की 2012 तक 806 शाखाएं खुल चुकी थीं। इन्होंने 13 साल में पूरे देश में स्कैम का जाल बिछा दिया था।
मोदी बंधुओं ने सरकारी नौकरी करने वालों से लेकर किसानों व मजदूरों तक को नहीं छोड़ा। किसी ने बेटी की शादी के लिए रुपए निवेश किए तो किसी ने भविष्य में मकान बनाने के लिए रुपए जमा कराए थे। कई लोगों ने तो जीवन भर की पूंजी ज्यादा रुपए मिलने की आस में निवेश कर दी थी। पूरे राज्य से हजारों लोगों ने दैनिक भास्कर को फोन कर अपना दर्द बयान किया। पढ़िए विशेष रिपोर्ट…
8 लाख जमा कराएं, दो बेटे की हुई मौत,खाने को तरस रहे
जोधपुर की 80 साल की गीता देवी ने 4-4 लाख रुपए फिक्स डिपॉजिट के रूप में 5 साल के लिए जमा करवाए थे। फिर 5 साल बाद फिर डबल होने का झांसा देकर आगे 5 साल के लिए बढ़ा दी। पोती की शादी, मकान, बच्चों की उच्च शिक्षा के साथ कोरोना में उधार मांग कर आटा, डाल खरीदने पड़े। पैसे लेने गए मात्र झूठी दिलासा दी गई। एजेंट ने फ़ोन उठाना भी बंद कर दिया।
पुलिस थाने के चक्कर लगाते तो मात्र आंखों मे आसूं ही मिले। वह विधवा है। 2 बहु है वो भी विधवा है, बेटे दोनों दुर्घटना में खत्म हो गए। घर मे 6 पोते- पोती है। मजदूरी,टिफिन बनाकर घर का गुजारा चलता है। आज जब पोती की शादी है तो दूसरों के आगे हाथ फैलाने पड़ रहे है क्योंकि खुद का पैसा जो पूरे वक्त के लिए इक्कट्ठा किया था वो नही मिला। गम्भीर बीमारी से पीड़ित हुं। हर महीने की 5 हजार की दवाई लानी पड़ती है। ऐसे लोगों को उम्र भर जेल हो। संपत्ति बेच कर रुपए दें।
बेटी की शादी के लिए मां ने कराई थी 5 लाख की एफडी
देवी बाई ने बताया कि आदर्श क्रेडिट सोसायटी में मैंने बेटी की शादी के लिए 5 लाख की एफडी कराई थी। पति की मौत हो चुकी है। बच्ची की शादी करनी है। अब कहां से रुपए लाऊं? 5 लाख रुपए थोड़े-थोड़े करके भी दे दें तो शादी कर दूं। पूरा परिवार शादी काे लेकर परेशान है।
रुपए डूबने के अवसाद में पति की मौत
अल्का सोलंकी ने बताया कि 2008 से काम करने लगे थे। वह निवेशक और एडवाइजर भी बन गई थी। सारी जमा पूंजी आदर्श में दे दी थी। रुपए फंस गए तो टेंशन में पति की मौत हो गई। एक 18 साल का बेटा है। कम्प्यूटर कोर्स कर रहा है। उसकी फीस भी कहां से भरूं। कुछ समझ नही आ रहा है। जल्द न्याय मिले तो कुछ स्थिति संभल सके।
परिवार के सदस्यों ने 12 लाख जमा कराए थे
मणी देवी माली ने बताया कि पूरे परिवार ने निवेश किया था। सास के दो लाख, बेटे के 2.50 लाख रुपए हैं। मेरे 3 लाख रुपए हैं। बहु के 3 लाख रुपए हैं। परिवार के करीब 12 लाख रुपए जमा हैं। रुपए लेने गए तो झांसा दिया कि रुपए आएंगे तो लौटा दिए जाएंगे।
नेवी से रिटायर होने पर मिले 64 लाख निवेश किए थे
जोधपुर की तेजस्विनी ने बताया कि दादोसा सुमेर सिंह नेवी से रिटायर होकर आए थे। उन्होंने 64 लाख रुपए आदर्श सोसायटी में जमा कराए थे। उसके पापा और बड़े पापा की दिमागी हालत ठीक नही है। उन्होंने बच्चों की पढ़ाई के लिए रुपए जमा कराए थे। रुपए नही मिलने से पूरा परिवार परेशान है।
मकान की आस में सफाईकर्मी ने जमा कराए थे 1 लाख
ललित कुमार ने बताया कि झाड़ू-पोछे का काम करता हूं। मेहनत से एक-एक रुपया जोड़कर 1 लाख रुपए सोसायटी में जमा कराए थे। पांच साल में रुपए डबल करने का वादा किया था। सोचा रुपए मिलेंगे तो मकान बना लूंगा। अब भाग गए हैं। क्या करूं, कुछ समझ नहीं आ रहा?
रुपए की बात करने गए तो जेल में बंद कराया
यादव कुमार सोनी ने बताया कि सोसायटी में पत्नी के साथ रुपए निवेश किए थे। 2008 में एडवाइजर भी बन गए थे। लोगों के भी रुपए निवेश करवाए थे। पहले दो साल में रुपए ब्याज के साथ मिल जाते थे। बाद में रुपए मिलने बंद हो गए। कंपनी पर जांच बैठ गई। एसओजी और आयकर ने छापे मारने शुरू कर दिए। खुद के रुपए भी डूब गए। लोग भी रुपए मांगने आते हैं। उन्हें कहां से लाकर दे। बात करने गए तो जेल में बंद करवा दिया।
केंद्र सरकार को कई बार पत्र लिख चुके हैं
पदम सिंह ने बताया कि आदर्श क्रेडिट सोसायटी में 1.50 लाख की दो एफडी कराई थी। ऑफिस जाते हैं तो जवाब नहीं मिलता। केंद्र सरकार को कई बार लेटर भी लिखा था कि वहां से लिक्विडेटर नियुक्त होने का लेटर मिला था, लेकिन अभी तक रुपए नहीं मिले हैं।
ऑफिस के चक्कर लगाते-लगाते पति की मौत
गीता देवी ने बताया कि जीवन की सारी कमाई पति ने आदर्श सोसायटी में जमा करवा दी थी। उन्हें रुपए दोगुने करने का झांसा दिया था। तीन साल से सोसायटी के ऑफिसों में चक्कर काट रहे हैं। बैंक भाग गई। बैंक के भाग जाने के सदमे में दो साल पहले पति देवेंद्र कुमार की मौत हो चुकी है। सात बच्चे है। घर पर भी लोन है। अब परिवार चलाने के लिए भी समस्या हो रही है।
पौने चार लाख एडवाइजर बना कर कमीशन बांटा
20 लाख निवेशकों की मेहनत की कमाई को 3.70 लाख एडवाइजरों में कमीशन के रूप में बांट दिया गया। सोसायटी ने गरीबों से रुपए ऐंठने के लिए एडवाइजर बनाए। निवेशकों के रुपयों को आरोपियों ने अपने रिश्तेदारों, दोस्तों को लोन के रूप में बांट दिया। जबकि नियमों के तहत उसे ही लोन दिया जा सकता है, जिसने फर्म में निवेश किया हो या फिर फर्म का सदस्य है।निवेशकों की करोड़ों की राशि में मुकेश की पत्नी मीनाक्षी, दामाद वैभव की फर्जी फर्म महावीर कंसल्टेंस को एडवाइजर बनाकर 720 करोड़ रुपए कमीशन दे दिए थे। परिचित ललिता, पुत्री प्रियंका, पुत्र राहुल व समीर के साथ दामाद वैभव लोढ़ा को 5 साल में 270 करोड़ बतौर वेतन बांट दिए।