राजस्थान के गांव-गांव में खुलेंगी इंदिरा रसोई: 8 रुपए में खाना खिलाने की व्यवस्था
गहलोत सरकार ने राजस्थान में कोई भूखा न सोए के मिशन को शुरू करते हुए इंदिरा रसोई की शुरुआत की थी। इसमें आमजन को 8 रुपए में बैठाकर खाना खिलाने की व्यवस्था है। इस मिशन को आगे बढ़ाने के लिए अब सरकार ने प्रदेश के शहरी इलाकों के साथ-साथ ग्रामीण कस्बों में भी इसकी शुरुआत करने का निर्णय किया है। राज्य के सभी 33 जिलों के एक हजार गांवों में ये रसोई शुरू की जाएंगी। रसोई का संचालन गांव या कस्बे की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए होगा। सरकार की ओर से तैयार किए गए प्रस्ताव के तहत राज्य के कुल 901 कस्बों में नई रसोई खोली जाएंगी। इसमें 5 से 10 हजार की जनसंख्या वाले कस्बे में एक, 10 से 20 हजार की जनसंख्या वाले कस्बे में 2 और 20 हजार से ज्यादा जनसंख्या वाले कस्बे में 3 रसोई खोली जाएगी। शहरों में खुली रसोई की तर्ज पर ही गांवों में भी रसोई के लिए सरकार जगह या जमीन फ्री उपलब्ध करवाएगी। इसके लिए ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) या जिला परिषद सीईओ को जिम्मेदारी दी गई है। हर जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है, जो टेंडर करके रसोई का संचालन करने वाली फर्म या संस्था का चयन करेगी।
उदयपुर में 12, जोधपुर 54, अजमेर 32, अलवर 46, बांसवाड़ा 18, बारां 16, बाड़मेर 30, भरतपुर 31, भीलवाड़ा 29, बीकानेर 74, चित्तौड़गढ़ 18, चूरू 32, दौसा 26, डूंगरपुर 17, हनुमानगढ़ 38, जालोर 60, झालावाड़ 11, झुंझुनूं 47, करौली 20, नागौर 69, पाली 52, सवाई माधोपुर 31, सीकर 55, सिरोही 23, टोंक 19, राजसमंद 6, प्रतापगढ़ 4, कोटा 7, बूंदी 5, धौलपुर 9 और गंगानगर में 5 जगहों पर रसोई खोली जाएंगी।
यह तस्वीर 6 महीने पुरानी है। जोधपुर के पुराने नगर निगम परिसर स्थित इंदिरा रसोई का उद्घाटन हुआ था। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सबके साथ बैठकर खाना खाया था। आम लोगों को ऐसी रसोई में 8 रुपए में खाना उपलब्ध कराया जाता है।