Rajasthan State Udaipur

डीएफटीडी और इंटेक्ट की सांझी कला वर्कशॉप- 15 स्कूलों के 100 विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक लिया भाग

उदयपुर में विद्यार्थियों ने ना केवल अपनी कल्पना से विश्व में ख्यातनाम सांझी कला को मिट्टी से अलग अलग आकृतियों में उकेरा साथ ही सांझी कला के इतिहास को भी जाना। मौका था सुखाड़िया विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ़ फैशन टेक्नोलॉजी एंड डिजाइनिंग और इंटेक्ट के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को सांझी प्रशिक्षण कार्यशाला का।
आर्ट्स कॉलेज के सभागार में शनिवार को आयोजित कार्यशाला में 15 स्कूलों के 100 विद्यार्थियो अधिक ने उत्साह पूर्वक भाग लिया।
इस मौके पर कार्यकम के मुख्य अतिथि इंटेक्ट उदयपुर चैप्टर के कॉर्डिनेटर डॉ. लालित पांडे ने कहा कि सांझी कला को हेरिटेज के रुप में संरक्षित और संवर्धित करने की दिशा में इंटैक्ट का प्रयास जारी है। आर्ट्स कॉलेज के डीन प्रो. हेमंत दिवेदी ने कहां कि सांझी कला भारतीय संस्कृति और कला के रूप में विश्व में एक अलग ही स्थान रखती है। इस कला का जन्म ब्रज की माटी से हुआ है l विद्यार्थियो को इस कला के बारे में जानने के लिए ये वर्कशॉप सराहनीय प्रयास है।
विभाग की इंचार्ज हेड डॉ. डॉली मोगरा ने सांझी कला के सांस्कृतिक और वैज्ञानिक महत्व से अवगत कराया। इंटेक्ट के कार्यक्रम संयोजक गौरव सिंघवी ने कहा कि बच्चो को सांझी कला से अवगत कराने के लिए इस प्रकार की कार्यशाला आवश्यक है। नौ सालों से सांझी बना रही रेखा पुरोहित ने बच्चों को सांझी कला का प्रशिक्षण दिया। इस मौके पर डॉ. ममता कावड़िया, डॉ. रूपाली राजवंशी, मधु सिंघवी आदि मौजूद थे।
स्कूली बच्चों की कल्पना ने भरे रंग :
सांझी कला को आकार देने वाले स्कूली बच्चों की कल्पना देखते ही बनी। सांझी में जहां भगवान कृष्ण गोवर्धन पर्वत को उठाते दिखे, तो अलग अलग कृष्ण लीलाओं को उकेरा गया।

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *