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महालक्ष्मी को चिट्ठी- मेरी बेटी के घर नल कनेक्शन देना- यहां मन्नत पूरी करने के लिए लिखते हैं लेटर

बांसवाड़ा शहर में प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर करीब 482 साल पुराना है। मान्यता है कि चिट्ठी लिखकर मां लक्ष्मी से मन की बात कही जाए तो मां हर मन्नत पूरी करती हैं। इसी कारण यहां देशभर से श्रद्धालु आते हैं और अपनी मन्नत पूरी करवाने के लिए चिट्ठियां चढ़ाते हैं। यहां तक की माता के दर्शन करने आने वाले दान पेटी में भी चिट्ठी डालकर जाते हैं।

मंदिर अध्यक्ष नरेश श्रीमाल ने बताया- महालक्ष्मी मंदिर में आए श्रद्धालुओं की चिट्ठी रख ली जाती हैं। श्राद्ध पक्ष की अष्टमी पर मां का जन्म दिवस मनाया जाता है। इसी दिन या बसंत पंचमी पर माता के सामने श्रद्धालुओं की चिट्ठी खोली जाती है। यहां चिट्ठियां केवल दो से तीन साल ही एकत्रित रखी जाती हैं। फिर इन्हें विसर्जित कर दिया जाता है।

अध्यक्ष नरेश श्रीमाल ने बताया- उनके समाज की लड़की विभा श्रीमाल 3 बार RAS का इम्तिहान दे चुकी थी। हर बार कुछ नंबर से सिलेक्ट नहीं हो पाती थी। 2012 में जब उसने फाइट किया, तब उसने यहां मंदिर में चिट्ठी लिखकर मनोकामना मांगी थी। उसका उसी साल सिलेक्शन हो गया।

वर्तमान में वो उदयपुर में वाणिज्य कर विभाग में कमिश्नर के पद पर कार्यरत है। इस बात का पता जब धीरे-धीरे लोगों को लगा तो उन्होंने भी फिर चिट्ठियां लिखनी शुरू कर दी। आज 12 सालों से यह परंपरा बन गई है। हर साल 500 से अधिक चिट्ठियां प्राप्त होती हैं। अधिकांश चिट्ठियां बिना नाम की होती हैं और मनोकामना पूरी होने पर लोग कुछ न कुछ चढ़ावा चढ़ा कर जाते हैं।

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