उदयपुर में बढ़ने लगे कोरोना मरीज:कोरोना पॉजिटिव आने वाले ज्यादातर मामले 25 से 35 वर्ष के, इसी उम्र के लोगों का हुआ है उदयपुर में सबसे टीकाकरण

उदयपुर में कोरोना के मामले एक बार फिर सामने आने लगे हैं। वहीं दूसरी ओर वैक्सीनेशन अबतक रफ्तार नहीं पकड़ सका है। उदयपुर के शहरी क्षेत्र में जहां 100 प्रतिशत लोगों को पहली डोज और 73 प्रतिशत को दूसरी डोज लग चुकी है। वहीं दूसरी ओर ग्रामीण इलाकों में अभी भी वैक्सीनेशन धीमा है। पूरे जिले की बात की जाए तो 23 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना की डोज लगनी थी। इनमें से लगभग 75 प्रतिशत को अबतक पहली डोज और 53 प्रतिशत को ही दोनों डोज लग सकी हैं। उदयपुर के 13 ब्लॉक में से 8 ब्लॉक में अबतक 70 प्रतिशत लोगों को भी कोरोना की एक डोज भी नहीं लगी है। सिर्फ उदयपुर शहर, सलूम्बर, बड़गांव, भींडर और मावली ही ऐसे ब्लॉक हैं जहां कम से कम 70 प्रतिशत लोगों को एक डोज लग चुकी है। वहीं कोटड़ा ब्लॉक में तो अबतक सिर्फ 35 प्रतिशत लाेगों को ही कोरोना की पहली डोज लग सकी है।
ग्रामीण इलाकों में ओवरऑल वैक्सीनेशन बेहद धीमा
उदयपुर शहर में जहां अबतक 73 प्रतिशत लोगों का पूरी तरह वैक्सीनेशन हो चुका है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन अब भी धीमा है। इसके अलावा भींडर में 60 प्रतिशत, मावली में 56 प्रतिशत, बड़गांव में 54 प्रतिशत और गिर्वा में 51 प्रतिशत लोगों का ही कम्पलीट वैक्सीनेशन हुआ है। जबकि गोगुंदा में 48 प्रतिशत, सलूम्बर में 46 प्रतिशत, खेरवाड़ा में 44 प्रतिशत और ऋषभदेव में 40 प्रतिशत वैक्सीनेशन ही हुआ है। वहीं कुछ ब्लॉक्स में तो हाल और भी खराब है। झाड़ाेल में 36 प्रतिशत, सराड़ा में 34 प्रतिशत, लसाड़िया में 33 प्रतिशत लोगों को ही दोनों डोज लगी हैं। यहां भी कोटड़ा का हाल बेहद खराब है। जहां अबतक सिर्फ 16 प्रतिशत लोगों का ही कम्पलीट वैक्सीनेशन हो सका है।
18 से ज्यादा उम्र के लोग नहीं लगवा रहे वैक्सीन
वैक्सीन की कमी अब देश और प्रदेश में देखने को नहीं मिल रही है। उसके बावजूद लोग वैक्सीनेशन में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। उदयपुर में पिछले 5 दिनों में आए 4 काेरोना पॉजिटिव में से 3 मामले 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग के हैं। इनमें एक रोगी 31 वर्ष, एक 27 वर्ष और एक 24 वर्ष का है। इसके बावजूद सिर्फ उदयपुर शहर को छोड़कर किसी भी ब्लॉक में इस आयु वर्ग के लोगों को 100 प्रतिशत पहली डोज भी नहीं लगी होगी। वहीं गोगुंदा, झाड़ाेल और कोटड़ा में इसी वर्ग के 50 प्रतिशत लोगों को भी वैक्सीन की पहली डोज नहीं लगी है। वहीं उदयपुर शहर के अलावा तो बाकि 12 में से एक भी ब्लॉक नहीं जहां कोरोनो की 45 प्रतिशत से ज्यादा डोज दोनों को लगी हो।
आदिवासी इलाका होने से परेशानी
उदयपुर में शहरी क्षेत्र के अलावा ज्यादातार ग्रामीण क्षेत्र आदिवासी है। जिसके चलते लोगों में वैक्सीन की कमी को लेकर जागरुकता की कमी है। सबसे रिमोट क्षेत्र कोटड़ा है। कोटड़ा में ही सबसे कम वैक्सीनेशन हुआ है। चिकित्सा विभाग इन इलाकों में वैक्सीनेशन तेज करने में लगा है। सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी ने लोगों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द और ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन कराएं।