भगवान शिव के 12 ज्योतिलिंगों के नाम व ज्योतिर्लिंग का अर्थ

भारत मंदिरों का देश है , जहां अध्यात्म में आस्था रखने वाले लोग बसते हैं। भारत की भूमि ऐसी पवित्रा स्थली है जहां एक से बढ़कर एक तीर्थ विराजमान हैं। इन प्रमुख तीर्थों में भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग भी शामिल हैं जहां दूर-दूर से लोग तीर्थ करने आते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति अपने पूरें जीवन में एक बार शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर लेता है तो वह सभी दोषों से मुक्त होकर मृत्यु पश्चात मोक्ष को प्राप्त कर लेता है।
ज्योतिर्लिंग का अर्थ
ज्योतिर्लिंग दो शब्दों से मिलकर बनता है ज्योति़ +लिंग। शिव प्रकाशमान ज्योति के रूप में प्रकट हुये थे। धार्मिक मान्यताओं व ग्रथों के अनुसार शिव साक्षात रुप में एक दिव्य ज्योति के रूप में साक्षात प्रकट हुये थे। यह धरती के 12 अलग-अलग स्थानों पर अपने विभिन्न रूपों में साक्षात विराजमान हुये थे। ज्योतिर्लिंग का अर्थ प्रकाश स्तंभ होता है। ऐसा कहा जाता है कि एक बार भगवान ब्रह्मा को और भगवान विष्णु के बीच में यह बहस हुई कि कौन सर्वाेच्च देवता है। तभी भगवान शिव प्रकाश स्तंभ के रूप में प्रकट हुए और प्रत्येक से इस प्रकाश स्तम्भ का अंत खोजने को कहा। भगवान विष्णु ऊपर की ओर भगवान ब्रह्मा नीचे की ओर इस ज्योतिर्लिंग का अंत खोजने के लिए चले गए। लेकिन फिर भी उन्हें इसका अंत नहीं मिला। उसके बाद में भगवान शिव ने प्रकाश स्तंभ को पृथ्वी पर गिरा दिया और आज उसे ही ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है।
शिव के 12ज्योतिर्लिंगों के नाम
- सोमनाथ ज्योतिर्लिंग– सौराष्ट्र, गुजरात
- मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग– आध्रप्रदेश
- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग-उज्जैन, मध्यप्रदेश
- ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग-मांधाता, मध्यप्रदेश
- केदारनाथ ज्योतिर्लिंग-उत्तराखंड
- भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग-पुणे, महाराष्ट्र
- काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग – वाराणसी, त्तर प्रदेश
- त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग-नासिक, महाराष्ट्र
- वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग-देवघर, झारखंड
- नागेश्वर ज्योतिर्लिंग-द्वारका, गुजरात
- रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग-कन्याकुमारी, तमिलनाडु
- घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग-औरंगाबाद, महाराष्ट्र
अगले लेख में हम आपको भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग का महत्व व विशेषता आदि के बारे में विस्तार से बताएंगे।