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नाबालिग का चैलेंज था- मुझे ढूंढ़ लो, 10 लाख दूंगा:फिरौती के लिए विदेशी नाम से इंस्टा अकाउंट बनाया, झांसा दिया- मैं फिलीपींस में हूं

‘पबजी’ और ‘फ्री फायर’ की उधारी चुकाने के लिए 12 साल के चचेरे भाई की गला दबाकर हत्या करने वाला नाबालिग खुद को टेक्नोलॉजी में गुरु समझता था। उसे पूरा यकीन था कि पुलिस और मृतक के परिवार वाले उस तक कभी नहीं पहुंच पाएंगे। उसने मृतक के अंकल से 5 लाख की फिरौती मांगने के साथ ही चैलेंज दिया था कि वो उसे कभी नहीं ढुंढ सकते। अगर ढुंढ लिया तो वो 10 लाख रुपए दे देगा। फिरौती मांगने के लिए भी नाबालिग ने जो फेक इंस्टाग्राम आईडी बनाई उसका नाम माटाबार हैकर्स रखा ताकि आईडी किसी विदेशी पब हैकर की लगे। क्योंकि मृतक प्रवीण के परिवार ने भी लापता होने के शक में बेटे के पबजी और फ्री फायर की लत का जिक्र किया था। इस आईडी का नाम रखा ‘तेरा बाप’।

नाबालिग ने मासूम की हत्या के बाद उसके मोबाइल का सिमकार्ड निकालकर फोन अपने पास रख लिया था। फेक आईडी से वो प्रवीण के असम में बैठे अंकल से फिरौती के लिए लगातार चैटिंग करता रहा। सबूत के तौर पर उन्हें मासूम के मोबाइल बैक कवर, चप्पलों और मासूम के चेहरे की फोटो भी भेजी। नाबलिग ने बड़े भाई का मोबाइल चोरी कर ईमित्र पर मोबाइल चोरी की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी लिखवाई। नाबालिग को इस प्रोसेस से खुद का आईपी एड्रेस ट्रेक नहीं होने और पुलिस पकड़ में नहीं आने का भरोसा था। इसी के चलते उसने इंस्टाग्राम चेटिंग में मासूम के अंकल और पुलिस को उसे पकड़ने पर 10 लाख रुपए इनाम देने का चैलेंज भी कर दिया था।

फिलीपींस के फेक इंटरनेशनल नंबर भी दिए
नाबलिग आरोपी ने मृतक के अंकल को चैटिंग के दौरान बताया कि वो अभी फिलीपींस में है। मासूम उसके माटाबर हैकर्स ग्रुप के कब्जे में है। जो दिल्ली में है। उसने कहा कि मिलना है तो दिल्ली आ जाओ। बात करने के लिए फिलीपींस कोड के इंटरनेशनल नंबर भी दिए, जो फेक थे। पूछताछ में नाबालिग ने बताया कि ये नंबर उसने गूगल करके निकाले थे। उसने बताया कि मासूम के गायब होने के बाद परिवार की धारणा बन चुकी थी कि ऑनलाइन गेमिंग की लत के चलते चला गया है। उसने यही सोचकर माटाबार हैकर्स (फेक आईडी) इंस्टाग्राम आईडी बनाई थी।

दरअसल, 8 दिसंबर को धुड़ीला गांव का प्रवीण शर्मा (12) अपनी मम्मी का मोबाइल लेकर घर से गायब हो गया था। प्रवीण के चाचा नरेश पुत्र पन्नालाल शर्मा ने अगले दिन पुलिस थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि प्रवीण को पबजी और फ्री फायर खेलने की आदत थी। इस पर पुलिस ने सायबर तकनीक से प्रवीण की तलाश शुरू कर दी। वहीं, इस बीच असम में बैठे प्रवीण के अंकल को एक इंस्टाग्राम आईडी से मैसेज आया कि प्रवीण उसके पास दिल्ली में आ गया है। अगर उसे ज़िंदा चाहते हो तो 5 लाख रुपए का इंतजाम कर लो। परिजनों ने तुरंत ही इस बात की जानकारी पुलिस को दी।

ऐसे हुआ खुलासा
पुलिस ने सायबर तकनीक से जांच-पड़ताल शुरू की तो पता चला कि जिस इंस्टाग्राम आईडी से फिरौती मांगी जा रही थी, उसका IP एड्रेस मासूम के साथ गायब हुए मोबाइल का था। लोकेशन उसके गांव की ही आ रही थी। इस पर गांव के लोगों से पूछताछ की गई। पता चला कि आरोपी नाबालिग ही प्रवीण के साथ सबसे ज्यादा रहता था। ट्रेस करने पर उसकी लोकेशन भी मृतक के आसपास ही मिली। मोबाइल में इंटरनेट दूसरे मोबाइल के हॉटस्पॉट से चलाया जा रहा था। चचेरे भाई से पूछताछ की उसने पूरे मामले का खुलासा कर दिया।

 

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