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त्योहारों में खुशखबरी:पांच महीने के निचले स्तर पर पहुंची रिटेल महंगाई, सब्जियों के दाम 22% गिरे

त्योहारी सीजन से पहले सरकार और आम जनता, सबके लिए अच्छी खबर है। सितंबर में रिटेल महंगाई दर गिरकर पांच महीने में सबसे कम रह गई। अगस्त में 5.3% रही रिटेल महंगाई दर पिछले महीने 4.35% रह गई। यह जानकारी सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों से मिली है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, सब्जियों के दामों में 22% गिरावट आई।

अगस्त में 3.11% रहा फूड इन्फ्लेशन 0.68% पर आ गया

सबसे अच्छी बात यह है कि सितंबर में खाने-पीने के सामान में भी महंगाई कम हुई है। अगस्त में 3.11% रहा फूड इन्फ्लेशन पिछले महीने 0.68% पर आ गया। इस तरह खुदरा महंगाई दर लगातार तीसरे महीने रिजर्व बैंक के कंफर्ट जोन यानी 2% से 6% (4% से 2% ऊपर या नीचे) के दायरे में रही है।

सब्जियों के दाम में आई 22% की तेज गिरावट

सब्जियों के दाम में 22% की गिरावट आई जबकि फूड एंड बेवरेजेज सेगमेंट में इन्फ्लेशन 1.01% बढ़ा। फ्यूल और लाइट कैटेगरी में महंगाई 13.63% के ऊपरी लेवल पर रही। RBI ने हालिया मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में इस वित्त वर्ष के लिए महंगाई का अनुमान 5.7% से घटाकर 5.3% कर दिया था।

8 अक्टूबर के मॉनिटरी पॉलिसी रिव्यू में भी RBI का फोकस ग्रोथ पर था

गौरतलब है कि 8 अक्टूबर के मॉनिटरी पॉलिसी रिव्यू में भी RBI का फोकस ग्रोथ पर था। इसलिए उसकी तरफ से पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया। उसने रेपो रेट (जिस रेट पर बैंक उससे लोन लेते हैं) को पहले की तरह 4% और रिवर्स रेपो रेट को 3.35% पर बनाए रखा है।

दुनियाभर में स्टैगफ्लेशन वाली स्थिति बनने की चिंता बढ़ रही है

HDFC बैंक की सीनियर इकोनॉमिस्ट साक्षी गुप्ता कहती हैं, ‘महंगाई के मोर्चे पर स्थितियां बेहतर नजर आ रही हैं लेकिन दुनियाभर में स्टैगफ्लेशन वाली स्थिति बनने की चिंता बढ़ रही है।’स्टैगफ्लेशन वाली स्थिति में आर्थिक वृद्धि दर कम लेकिन महंगाई दर ज्यादा रहती है।

दिसंबर से बेस इफेक्ट खत्म होने पर मंहगाई में तेज उछाल आने का जोखिम

गुप्ता के मुताबिक, ‘एनर्जी शॉर्टेज और क्रूड के दाम में बढ़ोतरी का असर दूसरी कमोडिटी के उत्पादन और दाम पर पहले से ही दिखने लगा है। दिसंबर से जब बेस इफेक्ट का असर खत्म होने लगेगा तो मंहगाई में तेज उछाल आने का जोखिम पैदा होगा।’

अगस्त के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में सुधार, IIP जुलाई के 11.5% से बढ़कर 11.9% हो गया

इस बीच अगस्त के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में सुधार आया है। IIP अगस्‍त में बढ़कर 11.9% हो गया जो जुलाई में 11.5% था। पिछले साल अगस्‍त में IIP नेगेटिव 7.1% रहा था। अगस्‍त में मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर का प्रोडक्शन 9.7% रहा, जबकि माइनिंग में 23.6% बिजली उत्‍पादन में 16% का उछाल आया।

 

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