उदयपुर शहर से सटे लखावली इलाके की पहाड़ी पर पिंजरे में कैद हुआ लेपर्ड भागा

लखावली इलाके की पहाड़ी पर लेपर्ड के मूवमेंट को देखते हुए वन विभाग ने पिंजरा लगाया था। सोमवार दोपहर बाद एक लेपर्ड इस पिंजरे में आकर कैद हो गया। शाम करीब 4 बजे तेंदुए के गुर्राने की आवाज आई तो गांव वाले पहाड़ी पर गए। वहां पिंजरे में तेंदुआ कैद हो चुका था। इसकी सूचना फौरन वन विभाग को दी गई थी।
बरोड़िया वन नाके से वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। तब तक उदयपुर से भी टीम पहुंच गई थी। शाम को टीम लेपर्ड को उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलोजिकल पार्क ले गई थी।
सूत्रों का कहना है कि वन विभाग के कर्मचारियों ने रात के 11 बजे तक लेपर्ड को पिंजरे में देखा था। मंगलवार सुबह करीब 8 बजे कर्मचारी पहुंचे तो पिंजरे में लेपर्ड नहीं दिखा। बताया जा रहा है कि पिंजरा पूरी तरह से लॉक था। किनारे से प्लेट को तोड़कर लेपर्ड भाग गया है। सूचना मिलने के बाद वन विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटना की पूरी जानकारी ली।
जहां (लखवाल गांव की पहाड़ी) लेपर्ड पिंजरे में कैद हुआ था, उस जगह से करीब 15 किमी दूर 18 अक्टूबर को एक तेंदुए को गोली मारी गई थी। आशंका जताई जा रही थी कि 10 लोगों का शिकार करने वाला तेंदुआ वही था। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।