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ट्रम्प बोले- भारत को सच्चा दोस्त मानता हूं

हमने वो कर दिखाया जो लोगों को असंभव लग रहा था। अलास्का, नेवादा और एरिजोना में जीत हासिल करना मेरे लिए बड़ी बात है। यह अविश्वसनीय है। मैं अमेरिकी लोगों के परिवार और उनके भविष्य के लिए लड़ूंगा। अगले 4 साल अमेरिका के लिए अहम हैं। यह अमेरिका के इतिहास की सबसे शानदार जीत है।’

अमेरिका में भी भारत की तरह दो सदन होते हैं। हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव भारत की लोकसभा की तरह होता है। इसके लिए हर दो साल में चुनाव होता है। इस सदन में कुल 435 सदस्य होते हैं।

सीनेट भारत की राज्यसभा की तरह होता है। इसमें हर अमेरिकी राज्य से 2-2 सीनेटर चुनकर आते हैं। ऐसे में कुल मिलाकर अमेरिकी सीनेट में 100 सदस्य होते हैं। इसके सदस्यों का कार्यकाल 6 साल होता है। हालांकि सभी सीटों के लिए एक साथ चुनाव नहीं होते। हर दो साल में कुछ सीटों पर चुनाव कराए जाते हैं।

ट्रम्प की इस बड़ी जीत के पीछे 5 फैक्टर्स…

फैक्टर-1: ट्रम्प पर चली गोली एक बड़ा टर्निंग पॉइंट 13 जुलाई 2024 को पेन्सिलवेनिया के बटलर शहर में डोनाल्ड ट्रम्प की रैली हुई। ट्रम्प स्टेज पर अपना भाषण दे रहे थे, तभी गोली चलने की आवाज आई। यह गोली ट्रम्प पर चलाई गई थी। AR Style 556 राइफल से चलाई गई गोली से ट्रम्प बच तो गए, लेकिन उनके कान में चोट लग गई।

ट्रम्प ने उस समय खुद भी यह बात मानी थी कि मौत और उनके बीच मिली सेकेंड्स का अंतर था। अगर वो भाषण देते हुए 0.05 सेकेंड के अंतर से सिर न घुमाते, तो गोली सिर में लग जाती। गोली चलने के बाद हवा में मुट्ठी लहराते ट्रम्प की तस्वीर खूब वायरल हुई।

गोली लगने के बाद भी ट्रम्प ने चुनावी रैलियां कीं। अमेरिकी जनता को ट्रम्प का यह अंदाज बहुत पसंद आया। पॉलिटिकल प्रेडिक्शन प्लेटफॉर्म पॉलीमार्केट के मुताबिक ट्रम्प को गोली लगने के बाद उनकी विनेबिलिटी में 8% का उछाल आया था और वो 70% के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था।

अमेरिका में ऐसे हादसों से इमोशनल बेनिफिट्स मिलना कोई बड़ी बात नहीं। 43 साल पहले रिपब्लिकन पार्टी के नेता रोनाल्ड रीगन पर भी गोली चली थी। हमले में रीगन बुरी तरह घायल हो गए थे। हालांकि उनकी जान बच गई थी। घटना के 3 साल बाद अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव हुए, जिसमें रीगन की रिपब्लिकन पार्टी ने दोबारा रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की थी।

फैक्टर-2: स्विंग स्टेट्स पर ट्रम्प के फोकस ने दिलाई इतनी बड़ी जीत राष्ट्रपति बनने के लिए 270 सीटों पर जीत जरूरी होती है। अमेरिका के 7 स्विंग स्टेट्स का रुख जिधर होता है, वही राष्ट्रपति बनता है। 2024 के चुनाव में स्विंग स्टेट्स ने डोनाल्ड ट्रम्प का साथ दिया।

स्विंग स्टेट्स में कुल 93 सीटें हैं। इसमें सबसे ज्यादा पेन्सिलवेनिया में 19 इलेक्टोरल सीटें हैं। ट्रम्प ने इस स्टेट में कमला हैरिस को 3% वोट से मात दी। ट्रम्प को 51% वोट और कमला को 48% वोट मिले। स्विंग स्टेट में पेन्सिलवेनिया को किंग मेकर स्टेट माना जाता है। पेन्सिलवेनिया को जीते बिना व्हाइट हाउस तक नहीं पहुंचा जा सकता।

पेन्सिलवेनिया में 1992 से 2020 तक सिर्फ 1 बार रिपब्लिकन पार्टी को जीत मिली है। 2016 में ट्रम्प ने 0.7% वोट से हिलेरी क्लिंटन को मात दी थी। 2020 के चुनाव में यहां बाइडेन ने ट्रम्प को महज 1.2% के अंतर से हराया था।

इलॉन मस्क ने राष्ट्रपति चुनाव में खुलकर डोनाल्ड ट्रम्प का समर्थन किया। मस्क ने ट्रम्प का समर्थन करते हुए वोटर्स को 1 मिलियन डॉलर यानी लगभग 8.40 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया था। वे चुनाव की तारीख यानी 6 नवंबर तक हर रोज चुने गए किसी एक वोटर को 1 मिलियन डॉलर बांटते रहे। ये स्कीम सिर्फ 7 स्विंग स्टेट्स के लिए शुरू की गई थी।

6 नवंबर को चुनाव जीतने के बाद फ्लोरिडा के वेस्ट पाम बीच पर ट्रम्प ने पहला भाषण दिया। अमेरिका के इतिहास में रिपब्लिकन पार्टी की यह सबसे बड़ी जीत है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ट्रम्प ऐसे पहले राष्ट्रपति बन गए हैं, जिन्होंने 4 साल के अंतराल पर दोबारा जीत हासिल की है।

आखिर डोनाल्ड ट्रम्प को इतनी बड़ी जीत कैसे मिली; भास्कर एक्सप्लेनर में इसके 5 बड़े फैक्टर्स जानेंगे…

तीनों चुनावों के लेटेस्ट नतीजे, रिपब्लिकन ने बाजी मारी अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों के साथ-साथ कांग्रेस में भी रिपब्लिकन पार्टी ने बाजी मारी है। पार्टी ने सीनेट में बहुमत हासिल कर लिया है। साथ ही वह हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में भी बढ़त के करीब है।

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