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सोमवार को हुई हिंसा के बाद मंगलवार को विश्वराज सिंह मेवाड़ ने कहा मैं लड़ाई-झगड़ा नहीं चाहता, कैलाशपुरी स्थित एकलिंगनाथ जी मंदिर धूणी से पुराना नाता है, इसलिए बुधवार सुबह 10 बजे वे उनके दर्शन करने जाएंगे

सोमवार देर रात उदयपुर के सिटी पैलेस, परिवार के अन्य सदस्यों और विश्वराज समर्थकों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई। इसमें कई लोग घायल भी हुए। महाराणा प्रताप के वंशजों में ऐसा झगड़ा पहली बार सामने आया है। सोमवार देर रात करीब 1 बजे प्रशासन ने विवादित जगह को कुर्क कर रिसीवर की नियुक्ति कर दी। विपक्षी ट्रस्ट से पत्थरबाजी और विवादित स्थल को लेकर 27 नवंबर तक जवाब भी मांगा है।

मेवाड़ जन संस्थान के संयोजक प्रताप सिंह झाला ‘तलावदा’ ने बताया कि महाराजा उदयसिंह जब उदयपुर की तरफ आए थे तो यहां तपस्या कर रहे एक संत प्रयागगिरी के दर्शन किए। संत ने उनसे कहा कि जहां वे तपस्या कर रहे हैं उसके आसपास राजधानी बना दीजिए और इसमें धूणी को बीच में रखना। ऐसा होगा तो सब अच्छा चलता रहेगा। तब यह धूणी बना दी गई। इसके बाद यह राजपरिवार के सदस्यों के लिए आस्था का केंद्र बन गई।

सोमवार को हुई हिंसा के बाद मंगलवार को विश्वराज सिंह मेवाड़ ने कहा मैं लड़ाई-झगड़ा नहीं चाहता। इसलिए सिटी पैलेस में नहीं जाता हूं। उन्होंने कहा कि कैलाशपुरी स्थित एकलिंगनाथ जी मंदिर धूणी से पुराना नाता है, इसलिए बुधवार सुबह 10 बजे वे उनके दर्शन करने जाएंगे। यह पूरा विवाद उदयपुर राजघराने के सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके बेटे और नाथद्वारा से भाजपा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ के राजतिलक और इससे जुड़ी रस्मों को लेकर हुआ। राजशाही खत्म होने के बाद भी यह रस्म प्रतीकात्मक रूप से निभाई जाती है। विश्वराज सिंह राजतिलक के बाद सिटी पैलेस के अंदर धूणी के दर्शन करने जाना चाहते थे, लेकिन सिटी पैलेस में रहने वाले उनके चाचा के परिवार ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी।

  •  चित्तौड़गढ़ में राजतिलक की रस्म के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ सिटी पैलेस में स्थित धूणी के दर्शन करना चाहते थे, लेकिन उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ ने सिटी पैलेस के गेट बंद कर दिए।
  • व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन से भी मदद मांगी थी। पुलिस-प्रशासन ने विवाद को रोकने के लिए रास्ते में जगह-जगह बैरिकेडिंग कर दी थी।
  • विश्वराज और उनके समर्थक बैरिकेडिंग हटाते हुए सिटी पैलेस तक पहुंच गए थे। सिटी पैलेस से अनुमति नहीं मिलने के बाद भी वह धूणी के दर्शन करने की मांग पर अड़े थे।
  • सोमवार देर रात तक कई वार्ताओं का दौर चला, लेकिन कोई हल नहीं निकला। इसके बाद प्रशासन ने विवादित जगह को कुर्क कर एक रिसीवर की नियुक्ति कर दी।
  • कुर्की का नोटिस भी सिटी पैलेस के गेट पर लगाया गया है। नोटिस को भी रात करीब एक बजे दो बार बदला गया।
  • विश्वराज सिंह मेवाड़ रात करीब 1.30 बजे धूणी के दर्शन किए बगैर अपने निवास समोर बाग लौट गए।
  • वे करीब 8 घंटे तक समर्थकों के साथ सिटी पैलेस के बाहर डटे रहे। कुर्क की जानकारी मिलने और प्रशासन की ओर से जरूरी कार्रवाई के आश्वासन के बाद विश्वराज सिंह ने अपने समर्थकों से बात भी की।
  • उदयपुर शहर में सोमवार रात को बिगड़ी स्थिति के बाद अब पुलिस ने जगदीश चौक से सिटी पैलेस जाने वाले रास्ते को छावनी में बदल दिया है।

विश्वराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि-

कल शाम की घटना दुखद है। इससे ठेस पहुंची है। एक साधारण बात थी कि हम केवल धोक देने जा रहे थे। छोटी बात को इतना बड़ा बना दिया, कुछ लोगों पर पत्थरबाजी भी कर दी। कल एक खास दिन पर पारिवारिक तरीके से धूणी को धोक देना जरूरी था, वो तो सरकार करा नहीं पाई। अब उन्होंने फैसला लिया है कि वो उस जगह को 145 के तहत सील करेंगे। अब देखना है कि वो सील करते हैं या नहीं।

 

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