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RGHS​​​​​​​ का विरोध कर रहे हॉस्पिटल होंगे पैनल से बाहर, हेल्थ डिपार्टमेंट को 350 से ज्यादा मिले आवेदन

राजस्थान गर्वमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) का जयपुर समेत प्रदेश के अन्य शहरों के कुछ हॉस्पिटल संचालक जो विरोध कर रहे हैं उन पर अब सरकार कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। सरकार ऐसे हॉस्पिटल को अब RGHS की पैनल सूची से बाहर करेगी। जबकि इनकी जगह दूसरे हॉस्पिटलों को पैनल में जोड़ा जाएगा।

मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट की प्रिंसिपल सेक्रेटरी गायत्री राठौड़ ने बताया- RGHS के तहत सर्विस देने से मना करने वाले हॉस्पिटलों की सूची तैयार की जा रही है। इन पर नियमों के तहत कार्रवाई करके इनको पैनल से बाहर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी प्रदेश में 50 फीसदी से ज्यादा हॉस्पिटल संचालक इस योजना के तहत इलाज दे रहे हैं, लेकिन कुछ हॉस्पिटल संचालक इस योजना का विरोध करते हुए सर्विस देने से मना कर रहे हैं।

ऐसे में लाभार्थियों को इलाज में किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसे देखते हुए सभी प्रमुख स्थानों पर हम नए हॉस्पिटलों को RGHS में एम्पैनलमेंट (सूचीबद्ध) करने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अभी हमारे पास प्रदेशभर के करीब 350 से ज्यादा हॉस्पिटलों से आवेदन आए हैं, जो RGHS से जुड़ना चाहते हैं।
दरअसल जयपुर के करीब 5-7 ऐसे प्राइवेट हॉस्पिटल हैं, जिन्होंने RGHS के तहत भारी मात्रा में गड़बड़ियां की। इनकी शिकायत मिलने पर विभाग ने इन पर हजारों-लाखों की पेनल्टी लगाई। इस पेनल्टी से बचने के लिए अब इन हॉस्पिटल संचालकों ने एक नया एसोसिएशन बनाकर RGHS के तहत सेवाएं बंद करने का ऐलान ​करते हुए सरकार पर दबाव बनाया। उन्होंने अपने साथ प्रदेश के सभी प्राइवेट हॉस्पिटल संचालकों और फार्मा स्टोर संचालकों को भी इस विरोध में शामिल करने का ऐलान कर दिया।

850 करोड़ से ज्यादा का पेमेंट
हेल्थ डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक बकाया भुगतान नहीं होने पर कई हॉस्पिटल संचालकों ने पिछले महीने शिकायत की थी। उसके बाद सरकार ने इन हॉस्पिटलों को बकाया बिलों का भुगतान करना शुरू कर दिया। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल अप्रैल से लेकर अब तक आरजीएचएस के तहत हॉस्पिटलों को करीब 850 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।

हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों के मुताबिक मार्च 2025 से पहले का सभी का बकाया भुगतान लगभग पूरा हो चुका है। मार्च 2025 से पहले की अवधि के भुगतान केवल उन्हीं हॉस्पिटल संचालकों का बकाया चल रहा है, जिनके खिलाफ गड़बड़ी और अनियमितताओं की शिकायतें मिली थी। उनकी या तो जांच चल रही है या वे जांच में दोषी पाए गए हैं।

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