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नगाडे़ की थाप व स्नान के साथ पुष्कर मेला शुरू:5 दिन की जगह इस बार 6 दिनों तक होगा पंचतीर्थ स्नान, 19 को महास्नान, मंदिर में किए दर्शन

पुष्कर का सालाना धार्मिक मेला रविवार को कार्तिक माह की देवउठनी एकादशी स्नान व नगाडे़ की थाप के साथ शुरू हुआ। पंचतीर्थ स्नान के पहले दिन अल सुबह से ही श्रद्धालुओं का पुष्कर पहुंचना शुरू हो गया। सर्दी के कारण सुबह के समय भीड़ कम ही रही, लेकिन दिन के समय यह भीड़ बढ़ने के आसार है। हजारों श्रद्धालुओं व साधु-संतों की ओर से ब्रह्म सरोवर में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य कमाया जाएगा। इस धार्मिक मेले का समापन 19 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर होने वाले महा स्नान के साथ होगा।

पुष्कर में धार्मिक मेले के आगाज पर ब्रह्मघाट पर नगाड़ा वादन से हुआ। नगाड़ा वादन में अमेरिका, रसिया, आस्ट्रेलिया के विदेशियों ने भी शिरकत की। देश के ख्याति नाम नगाड़ा वादक नाथू लाल सोलंकी एंड पार्टी ने विदेशी पर्यटकों के साथ मेला मैदान में नगाड़ा वादन करके मेला रोचक बना दिया। नगाड़ा वादक नाथूसिंह सोलंकी ने बताया कि वे पचास से ज्यादा विदेशों में यात्रा कर चुका है। पैसे को लेकर कभी महत्व नहीं दिया। नगाड़ा वादन को प्रचार प्रसार मिले, इसका ध्यान रखा।

रविवार अलसुबह ब्रह्म मुहूर्त के साथ पंचतीर्थ स्नान आरंभ हुआ। मुख्य रूप से गऊ घाट, ब्रह्म घाट एवं वराह घाट पर स्नानार्थियों का तांता लगा है। स्नान के बाद धर्म प्रेमी सरोवर की परिक्रमा लगा ब्रह्मा मंदिर समेत प्रमुख मंदिरों के दर्शन कर दान कर पुण्य कर रहे हैं। मेलार्थियों की सुविधा एवं सुरक्षा के लिए जिला एवं पुलिस प्रशासन ने माकूल इंतजाम किए गए है। सर्दी के कारण सुबह के समय भीड़ कम नजर आई लेकिन सूरज की रोशनी के साथ ही भीड़ बढ़ने लगी है।

छह दिनों का होगा पंच तीर्थ स्नान

इस बार एक तिथि बढ़ने के कारण पंच तीर्थ स्नान पांच दिन की जगह छह दिन का होगा। रविवार को एकादशी व द्वादशी का स्नान हुआ। सोमवार को त्रयोदशी का स्नान होगा। मंगलवार को ब्रह्म चतुर्दशी का स्नान होगा। इस दिन साधु-संत सरोवर में शाही स्नान करेंगे।

यह है मान्यता

प्राचीन ग्रंथों के अनुसार कार्तिक एकादशी से पूर्णिमा तक जगत पिता ब्रह्माजी ने पुष्कर में ही सृष्टि यज्ञ किया था। इन दिनों में तैंतीस करोड़ देवी-देवता पुष्कर तीर्थ में ही विद्यमान रहते हैं तथा सरोवर में पंचतीर्थ स्नान करने मात्र से अक्षय फल की प्राप्ति होती है तथा सालभर के पापों से छुटकारा मिलता है। साथ ही सभी तीर्थों की यात्रा का फल मिलता है।

बाजारों में भी उमड़ी भीड़

एकादशी स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी और बाजारों में भी रौनक रही। तीर्थ यात्री घाटों व बाजारों व मेला क्षेत्र में घूमते रहे। दुकानों पर सामान खरीदते भी देखे गए।

 

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