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सस्ता और अच्छा इलाज का झांसा देकर बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा निजी हॉस्पिटल, सीएमएचओ ने की जांच

उदयपुर में एक निजी हॉस्पिटल 4 महीने से बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा है। दो दिन पहले एक मरीज की शिकायत पर सीएमएचओ ने जांच की। तब सामने आया कि पूरा हॉस्पिटल निजी नर्सिंग कॉलेज के स्टूडेंट के भरोसे चल रहा है। सीएमएचओ डॉ. शंकर बामणिया को हॉस्पिटल में न डॉक्टर मिले और न ही नर्सिंग स्टाफ था। यहां तक कि हॉस्पिटल संचालन का लाइसेंस तक नहीं था। ये शहर के जड़ाव नर्सरी चौराहे पर संचालित ‘जीवन ज्योति’ निजी हॉस्पिस्टल है।

जानकारी अनुसार ‘जीवन ज्योति’ हॉस्पिटल में भर्ती मरीज सुनीता मीणा निवासी बांसवाड़ा के परिजनों ने दो दिन पहले सीएमएचओ को शिकायत की थी। जिसमें बताया था कि उदयपुर आने पर वे एक एंबुलेंस चालक के संपर्क में आए थे। उसने जीवन ज्योति निजी हॉस्पिटल में अच्छा और सस्ते इलाज का दावा करते हुए डॉक्टर से बात कराई थी। जिसके बाद वे जीवन ज्योति हॉस्पिटल आ गए। यहां 4 दिन भर्ती रहे। इलाज में करीब 2 लाख रुपए से ज्यादा का खर्चा हो गया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद महिला मरीज के परिजनों ने सीएमएचओ को शिकायत की।

मामले की शिकायत पर सीएमएचओ हॉस्पिटल में जांच करने पहुंचे। तब हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन नहीं होना सामने आया। वहीं डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ भी नहीं मिला। इसके बाद भी सीएमएचओ ने तुरंत कोई कानूनी एक्शन नहीं लिया। इस पर सीएमएचओ से पूछा तो वे बोले- बुधवार को कानूनी कार्रवाई नहीं कर सकी। गुरुवार को कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल आईसीयू में भर्ती दो मरीजों को सरकारी एमबी हॉस्पिटल शिफ्ट कराया। साथ ही मरीजों को पैसा रिफंड करने का निर्देश दिया गया है।

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