राष्ट्रीय महिला जागृति मंच ,उदयपुर राजस्थान द्वारा दिनांक 9/12/2022, शुक्रवार को ह्यूमन राइट्स डे के पूर्व दिवस पर समस्त भारत टीम ने लिवइन रिलेशनशिप क़ानून संशोधन ज्ञापन सौपा
राष्ट्रीय महिला जागृति मंच एक राष्ट्रीय स्तर का महिला संगठन है जो पिछले कई सालों से भारत देश के अलग-अलग राज्यों में महिला उत्पीड़न एवं बाल शोषण जैसी सामाजिक बुराईयों के मामलों पर कार्य कर रही है।
ह्यूमन राइट्स सेल राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरभि मेनारिया धींग ने बताया कि अधिकतर मामले लिव-इन-रिलेशनशिप की वजह से ही आते हैं। महिलाओं और पुरुषों के विवाह उपरांत अवैध संबंधों के चलते घरेलू हिंसा के मामलों को रोकने के लियॆ कानून में संशोधन होना चाहिए , जिसके लिए संगठन ने हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र छत्तीसगढ़, पंजाब, बिहार आदि अलग अलग राज्यों में कलेक्टर महोदय को आज (9-12-2022) को ज्ञापन सौपा। लिव-इन- रिलेशनशिप जैसी सामाजिक बीमारी हिंदू विवाह क़ानून के साथ परिवारों क़ो तोड़ने की अहम भूमिका निभा रहा है। यह एक विदेशी संस्कृति है । इन अवैध संबंधो के कारण कितनी हत्याएं/ आत्महत्याएं हो रही हैं और कितने बच्चे अनाथ हो रहे हैं। युवा पीढ़ी का जीवन लिव-इन- रिलेशनशिप में रहने से बर्बाद हो रहा है। शादी से पहले लिव-इन में रहने से ज्यादातर लड़के / लड़कियां अपना भविष्य बनाने के बजाय थाने/कोर्ट के चक्कर लगाती दिखती हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष अम्बिका शर्मा ने संगठन की समस्त मातृशक्ति की सहमति से मौजूदा सरकार से अनुरोध किया है कि लिव-इन रिलेशनशिप जैसे क़ानून में संशोधन किया जाए और सिर्फ तलाकशुदा, विधवा या विदुर को ही लिव-इन- रिलेशनशिप में रहने की सहमति दी जाए। कुवांरे बच्चे ओर शादीशुदा महिला या पुरूष के लिए लिव-इन-रिलेशनशिप अवैध/गैर कानूनी होना चाहिए।कोई भी शादीशुदा जोड़ा बिना तलाक के लिव-इन में रहे तो उसे पाबंद किया जाये। राष्ट्रीय अध्यक्ष ह्यूमन राइट्स सैल, राष्ट्रीय महिला जागृति मंच चेयर पर्सन सुरभि मेनारिया धींग ,और समस्त महिला शक्ति ने लिव-इन रिलेशनशिप में संशोधन का अनुरोध राजस्थान सरकार व केंद्रीय सरकार तक पहुँचाया है। इस मौक़े पर मंच ज़िला अध्यक्ष मूमल जोशी,ज़िला प्रभारी नंदिनी बख्शी,मंत्री दिव्या सारस्वत ,एडवोकेट मीनाक्षी माथुर,एडवोकेट रानु भटनागर,एडवोकेट राजेश शर्मा,रेखा मेनारिया,शिखा लोढ़ा,ज्योति कुमारी उपस्तिथ रही।